दो दिन पहले अपहृत कारोबारी जयप्रकाश नारायण का शव बरामद हुआ

बिहार के कर्ज़ा से दो दिन पहेले अपहृत कारोबारी का शव बरामद हुआ| अपहरण करने वालों ने डेढ़ करोड़ की फ़िरौती माँगी थी| परिजनो ने अपहरण की सूचना कर्ज़ा थाने मे आवेदन दर्ज किया|
हार्डवेयर कारोबारी जय प्रकाश नारायण (उम्र39 साल) की गोली मार कर हत्या कर दी गयी| कारोबारी पिछले दो दिन से लापता था| सूत्रों के अनुसार उनके सीने व सिर पर गोली मारी गयी है और यह भी पता चला है की अपहृतों ने डेढ़ करोड़ की फिरौती माँगी थी| जय प्रकाश नारायण का शव मंगलवार शाम 4 बजे पोखरैरा के नज़दीक सड़क के किनारे मिला| शव की सूचना मिलते ही आस-पास के इलाक़ों मे अफ़रा तफ़री मच गयी| यहा तक कि आक्रोश मे आए लोगों ने पोलिस के के विरोध मे प्रदर्शन किया| इस . को देखते हुए इलाक़े के आस-पास काफ़ी संख्या मे पोलिस को तेनात कर दिया गया है|
पता चला कि दो दिन से बेटे की खबर न मिलने पर पिता कर्ज़ा खलिलपुर निवासी रामपुरक भगत ने मंगलवार सुबह थाने मे प्राथमिक शिकायत दर्ज कराई| पुलिस ने छानबीन शुरू की तो नारायण का शव शाम चार बजे बरामद हुआ|
परिजनों के मुताबिक जय प्रकाश नारायण घर से ज़मीन देखने जाने की बात बोलकर निकले थे| रविवार की सुबह करीब साढ़े आठ बजे जयप्रकाश के मोबाइल पर किसी का फ़ोन आया था और ज़मीन की बात पक्की करने के लिए बोला गया था| इसी कारण नारायण पत्नी को बोल कर अख्तियारपुर के समीप ज़मीन देखने जाने क लिए घर से निकल पड़े| पत्नी से दोबारा बात होने पर नारायण ने कोई मशीन खरीदने की बात कही थी और कहा था की शाम को देर से लोटेंगे|
देर शाम तक जब नारायण घर नही लोटे तो पत्नी द्वारा फ़ोन करने पर नारायण ने कहा की वे अगली सुबह ही दुकान पर आ जाएँगे| सुबह छोटे भाई ओंप्रकाश से फ़ोन पर बात हुई तो बोला गया की दुकान मे रखी चेक बुक किसी स्टाफ संजय राय या कौशल राय के ज़रिए भगव्नपुर भेजिय| करीब 12 बजे चेक बुक व मुहर लेकर संजय को भेजा गया| जयप्रकाश ने संजय को कॅल कर चेक बुक व मुहर भगवान मे भंशः द्वार के समीप नीले रंग की पलसर बाईक पर सॉवॅर क्रीम रंग की शर्ट पहेने 20 वर्ष के लड़के को दे देना|

वहीं पल्सर सॉवॅर लड़का चेक बुक व मुहर ले कर भगवान पुर चौक की तरफ चला गया| ठीक 40 मिनट बाद वही लड़का कपड़े बदल कर और सिर पर टोपी पहन कर कर्ज़ा स्तिथ चेक बुक व मुहर ले कर चला गया| पता चला कि चेक डेढ़ करोड़ का कटा गया था जिस पर बकाएदा जयप्रकाश के साइन थे| 50-50 लाख के दो और 25-25 लाख के दो चेक बनाए गये थे| इसे लेकर जयप्रकाश के पिता भुक्तांन के लिए बेंक गये| बेंक के मॅनेजर ने कहा कि इतनी बड़ी रकम उनके पास नही है तथा बेंक का लिमिट 10 लाख तक का ही है| बाद मे जाँच करने पर पता चला की जयप्रकाश के बेंक खाते मे केवल 44 हज़ार ही थे| इसके बाद जयप्रकाश के पिता को शक होने लगा और उन्होने जयप्रकाश को काल कर पूछा की उसने इतनी राशि का चेक क्यों काटा| इस पर जयप्रकाश ने जवाब दिया की आप बबलू भेया को बुला लीजिए| इसके बाद जयप्रकाश को फिर कॉल किया तो बोला गया कि दो – तीन घंटे मे आ रहा हूँ| सोमवार सुबह फिर कॉल करने पर फ़ोन बंद आया तो परिजनों ने इसकी सूचना पोलिस को दी|

पोलिस अभी तक इस अपहरण का कारण पता नही लगा पाई है| अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर एक विशेष पोलिस टीम तहक़ीक़ात
मे जुटी है|

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